Summary
Read the full fact sheet- आप अपनी संतान को परेशानी-भरे या डरावने अनुभवों से उबरने (रिकवर होने) में सहायता कर सकते हैं। इन अनुभवों में निम्न शामिल हो सकते हैं: कार दुर्घटनाएँ, बुशफॉयर और बाढ़, परिवार में किसी का अचानक से अस्वस्थ हो जाना या किसी की मृत्यु , अपराध, दुर्व्यवहार या हिंसा।
- बच्चे ये देखेंगे कि: आप खुद संकट से कैसे निपटते हैं, आप उनकी भावनाओं और आचरण पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं।
- ये सुझाव आपको अपनी संतान के साथ उनके अनुभवों के बारे में बातचीत करने में मदद कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण कि आप अपनी संतान को सच (तथ्य) को इस तरह से बताएँ जिसे वे अपनी आयु के अनुरूप समझ सकें।
- आप हमेशा पेशेवर सहायता भी ले सकते हैं। आपके फैमिली जी.पी. (पारिवारिक डॉक्टर) एक अच्छे शुरूआती संपर्क होते हैं।
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- बच्चे ट्रॉमा (सदमे) पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं
- ट्रॉमा-भरी (दर्दनाक) घटना के बारे में बात कैसे करनी है
- आप ट्रॉमा-भरी (दर्दनाक) घटना पर प्रतिक्रिया कैसे कर सकते हैं
- ट्रॉमा-भरी (दर्दनाक) घटना के पश्चात पारिवारिक रूटीन (नित्य-कर्म)
- उबरने (रिकवर करने) में अपनी संतान की सहायता कैसे करें:
- सहायता कहाँ से प्राप्त करें
बच्चे ट्रॉमा (सदमे) पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं
परेशानी-भरे या डरावने अनुभव पर किसी बच्चे/बच्ची की प्रतिक्रिया निम्नलिखित पर निर्भर कर सकती है:
- उनकी आयु
- उनका व्यक्तित्व
- यह कि आप या आपका परिवार कैसे प्रतिक्रिया कर रहा है
हो सकता है कि आपकी संतान वैसे प्रतिक्रिया न करे जैसी आप उम्मीद करते हैं। ये तरीके निम्नलिखि हो सकते हैं:
- पीछे हट जाना - हो सकता है कि वे गतिविधियों में रूचि खो दें। हो सकता है कि उनका आत्म-विश्वास कम हो जाए, वे शांत हो जाएँ, या फिर से ऐसे व्यवहार करें जो वे तब करते थे जब वे शिशु थे।
- बेचैन - हो सकता है कि उन्हें उस अनुभव को फिर से अनुभव करने की ज़रूरत पड़े। उदाहरण के तौर पर, बार-बार खेलने या ड्राइंग करने के द्वारा। हो सकता है कि आपकी संतान भविष्य की घटनाओं के बारे में भयभीत हो जाए या उसे बुरे सपने आएं।
- चिंतित - उन्हें ध्यान देने या ध्यान केन्द्रित करने में समस्याएँ आ सकती हैं। हो सकता है कि वे हमेशा आपके करीब रहने की कोशिश करें, उन्हें नींद से जुड़ी समस्याएँ पेश आएँ या वे आसानी से निराश हो जाएँ।
- अस्वस्थ - उन्हें सिरदर्द या पेटदर्द हो सकता है।
हो सकता है कि आपकी संतान देरी से प्रतिक्रिया करे। हो सकता है कि कुछ बच्चे ठीक दिखें, परन्तु वे कई दिनों, सप्ताहों या यहाँ तक कि महीनों बाद प्रतिक्रिया करें।
ट्रॉमा-भरी (दर्दनाक) घटना के बारे में बात कैसे करनी है
यदि आप अपनी संतान के साथ ईमानदारी बरतते हैं तो इससे उन्हें मदद मिलेगी। आप:
- अपनी संतान को आश्वस्त कर सकते हैं कि वे सुरक्षित हैं और घटना समाप्त हो चुकी है। हो सकता है कि आपको उन्हें कई बार आश्वस्त करना पड़े।
- अपनी संतान की बात सुनें। उनकी चिंताओं और भावनाओं को गंभीरता से लें।
- अपनी संतान को बताएँ कि आप यह जानना चाहेंगे कि वे कैसा महसूस कर रही है।
- जो हुआ है उसे अपनी संतान को एक ऐसे तरीके में बताएँ जो उनकी आयु के लिए उपयुक्त हो। उनकी समझ में आने वाली भाषा का प्रयोग करें। यदि आपकी संतान को मूल तथ्यों की जानकारी नहीं है, तो हो सकता है कि वे खुद से यह पता लगाने की कोशिश करें कि हुआ क्या था। हो सकता है कि वे कहानी पूरी करने के लिए अपनी कल्पना या सीमित जानकारी का प्रयोग करें। इससे आपकी संतान के लिए और अधिक चिंता तथा भ्रम पैदा हो सकता है।
- सुनिश्चित करें कि आपकी संतान यह जानती है कि यह उनकी गलती नहीं है। यदि वे शरारती हों या किसी के बारे में बुरी बातें सोचते हों तो वे ऐसा सोच सकते हैं।
- परिवार के तौर पर घटना के बारे में बात करें। बच्चों सहित हर किसी को अपनी बात कहने दें। इससे हर किसी यह महसूस होता है कि उनकी सहायता की जाती है, उनकी बात सुनी और समझी जाती है।
- अपनी संतान से इस बारे में बात करें कि लोग परेशान होने पर कैसे प्रतिक्रिया कर सकते हैं। उन्हें बताएँ कि इन परिस्थितियों में उनकी भावनाएँ सामान्य हैं। आप उन्हें आश्वस्त कर सकते हैं कि समय के साथ-साथ वे बेहतर महसूस करेंगे।
आप ट्रॉमा-भरी (दर्दनाक) घटना पर प्रतिक्रिया कैसे कर सकते हैं
आपकी संतान की भावनाओं और आचरण पर आपकी प्रतिक्रियाएँ उनके उबरने (रिकवरी) पर असर डालेंगी। यह महत्वपूर्ण है कि:
- उनके व्यवहार में होने वाले बदलावों को समझें। बच्चे परेशानी-भरी या डरावनी घटनाओं पर अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं। उनके व्यवहार में बदलाव जैसे कि गुस्सा आना या बिस्तर में पेशाब कर देना सामान्य है।
- अपनी संतान पर सामान्य से अधिक ध्यान दें। यह सोने के समय और उनके अलग होने के अन्य समय के दौरान महत्वपूर्ण हो सकता है।
- अपने लिए सहायता लें। बच्चे संकट को समझने और उसपर प्रतिक्रिया करने के लिए अपने माता-पिता और देखभालकर्ताओं से सीखते हैं। उन्हें अपने भय को समझने तथा उन्हें सांत्वना देने के लिए वयस्कों के अपने आसपास होने की ज़रूरत होती है। यदि आप परेशानी में हैं, तो आप भी सहायता ले सकते हैं। यदि आप सहायता नहीं लेते हैं, तो इससे आपकी संतान द्वारा महसूस किए जाने वाला भय और परेशानी बढ़ सकती है।
- अपनी संतान के साथ अपनी भावनाओं के बारे में एक उचित तरीके से बातचीत करें। इससे उन्हें अपनी भावनाओं के बारे में बात करने में मदद मिल सकती है।
- याद रखें कि हर कोई अलग होता है और हर किसी की भावनाएँ अलग-अलग हो सकती हैं। अपनी संतान से वैसा ही महसूस करने की उम्मीद न करें जैसा आप करते हैं।
- अपनी संतान को उनके जीवन पर नियंत्रण की भावना दें। छोटे-छोटे फैसले लेने से भी उन्हें ऐसा महसूस हो सकता है कि वे और अधिक नियंत्रण में हैं। संकट के फलस्वरूप होने वाली अव्यवस्थाओं के बाद यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जो बच्चे असहाय महसूस करते हैं वे और अधिक तनाव का अनुभव कर सकते हैं।
- कोशिश करें कि अपनी संतान को लेकर ज़रूरत से अधिक सुरक्षात्मक न बनें। संकट की स्थिति के पश्चात आपके लिए अपने परिवार को अपने करीब रखने की कोशिश करना सामान्य है। परन्तु यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें यह महसूस करने में मदद दी जाए कि उनकी दुनिया एक सुरक्षित स्थान है।
ट्रॉमा-भरी (दर्दनाक) घटना के पश्चात पारिवारिक रूटीन (नित्य-कर्म)
यह महत्वपूर्ण है कि:
- जितना संभव हो सके, आप अपनी नियमित रूटीन (नित्य-कर्म) को बनाए रखें। इससे बच्चों को आश्वासन मिलता है।
- यदि आपकी संतान अपने सामान्य रूटीन (नित्य-कर्म) का प्रबंध न कर सके, तो उसे आश्वासन दें। इसमें स्कूल जाना या घर के काम करना शामिल हो सकता है।
- नए बदलाव लाने से परहेज करें जैसे कि नई रूटीन (नित्य-कर्म), जिम्मेदारियाँ या उनके व्यवहार को लेकर उम्मीदें।
- घर में एक वयस्क के तौर पर अपनी भूमिका बनाए रखें। यदि आप जूझ रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप सहायता के लिए अपनी संतान पर निर्भर न करें।
उबरने (रिकवर करने) में अपनी संतान की सहायता कैसे करें:
यह महत्वपूर्ण है कि:
- अपनी संतान को खेलने के लिए पर्याप्त समय दें। यह कोई स्पोर्ट (खेल), उनकी पसंदीदा गेम्स और परिचत मित्रों के साथ गतिविधियाँ हो सकती हैं।
- मनोरंजन के लिए समय दें। हंसने, अच्छा समय बिताने और मिलजुल कर मजा करने से परिवार के सभी सदस्यों को बेहतर महसूस करने में मदद मिल सकती है।
- याद रखें कि आपकी संतान की भूख में बदलाव हो सकता है। यदि भोजन के समय उन्हें खाने की इच्छा न हो, तो उन्हें इसकी बजाए पूरे दिन स्नैक्स (अल्पाहार) देने की पेशकश करें।
- सुनिश्चित करें कि आपकी संतान पर्याप्त आराम और नींद लेती है।
- शारीरिक व्यायाम में उनकी मदद करें। इससे आपकी संतान को तनाव के साथ और अपनी नींद में सुधार करने में मदद मिलेगी।
- शूगर (चीनी), रंगीन खाद्य-पदार्थ (कलर्ड फूड्स) और चॉकलेट को सीमित करें।
- अपनी संतान को शारीरिक रूप से आराम करने में मदद करें। यह गुनगुने पानी से स्नान करना, मालिश करनी, कहानियाँ सुनाना और कई बार गले लगाना शामिल हो सकता है।
- यदि आपकी संतान किसी गतिविधि से परेशान या चिंतित होती है तो उस गतिविधि को बदल दें। उदाहरण के तौर पर, कोई टेलीविज़न शो आपकी संतान को चिंतित या भयभीत महसूस करा सकता है।
अगर किसी भी समय आप अपने मानसिक स्वास्थ्य या किसी प्रियजन के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, तो लाइफलाइन को 13 11 14 पर कॉल करें।
सहायता कहाँ से प्राप्त करें
- आपका/आपकी जीपी (डॉक्टर)
- आपकी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य नर्स
- आपका स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
- बाल रोग विशेषज्ञ या बाल और किशोर मनोचिकित्सक - आपका डॉक्टर आपको रेफर कर सकता है
- फ़ीनिक्स ऑस्ट्रेलिया पोस्ट-ट्रॉमैटिक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र टेलीफोन (03) 9035 5599
- दु:ख और शोक केन्द्र (Centre for Grief and Bereavement) टेलीफोन 1800 642 066
आप निम्नलिखित से भी सलाह ले सकते हैं:
- लाइफलाइन टेलीफोन 13 11 14
- ग्रीफलाइन दूरभाष 1300 845 745
- बियोंडब्लू टेलीफोन 1300 22 4636
- किड्स हेल्पलाइन टेलीफोन 1800 55 1800
- नर्स-ऑन-कॉल टेलीफोन 1300 60 60 24 - विशेषज्ञ स्वास्थ्य जानकारी और सलाह के लिए (24 घंटे, 7 दिन)
- ऑस्ट्रेलियन पेरेंटिंग वेबसाइट – raisingchildren.net.au